

बमों की आवाज़ में बच्चों की हँसी खो गई है।
माओं की गोद सूनी हो गई है।
हर तरफ़ सिर्फ़ दर्द, आंसू और तबाही है।
hyc-salam.online
Skip to content

बमों की आवाज़ में बच्चों की हँसी खो गई है।
माओं की गोद सूनी हो गई है।
हर तरफ़ सिर्फ़ दर्द, आंसू और तबाही है।